Compositor: Amitabh Bhattacharya / Swanand Kirkire / Sunny Subramanian / Amit Trivedi
आया है तू जबसे यह
बदली सी दुनिया लग
देखा तुझे तो दिल कह
अब जीने की कोई वजह तो ह
तू जो मिला ऐसा लग
जैसे कोई अपना मिल
आँखें तेरी मासूम स
देखें तो होंठों पर
मुस्कान खिल
आज़ाद है तू, आज़ाद है त
के मैं हूँ दिल और तू धड़कन
के हम जो चल
दो जिस्म नहीं एक जान चल
आज़ाद है तू, आज़ाद है त
तेरी सोहबत मेरी राहत
के हम जो चल
तो लोग कहे के प्यार चल
खाता हूँ ये कसम
के जुदा ना होंगे हम
दे दूँ तुझको सब खुशिय
और ले लूँ तेरे ग़म
तू ही तो है इस दिल क
घाव का मरहम हाँ मरहम
तूने दिल पे ये एहसान किय
आया और मुझको आज़ाद किय
तू आज़ाद ह
चल के चले साथ हम
हवाओं से बात कर
लड़ जाएं चल आँधियों स
मिलकर हम तूफानों पे मात कर
आज़ाद है तू, आज़ाद है त
के मैं हूँ दिल और तू धड़कन
के हम जो चल
दो जिस्म नहीं एक जान चल
आज़ाद है तू, आज़ाद है त
तेरी सोहबत मेरी राहत
के हम जो चल
तो लोग कहे के प्यार चल