Compositor: Sidhant Mago / Amit Trivedi
वो ठंडी सैर
वो थकते पैर
वो झूठी खैर
है बाक
वो सर पे थाप
वो जेब हिसाब
वो खुलनी किताब
है बाक
रुको रुको रुक
बातें बात
तो करने दो करने द
उठो उठो उठ
यादें याद
तो भरने दो भरने द
अभी हसना तो है बाक
यूंही लड़ना तो है बाक
कई रास्ते चलना चलन
तो है बाक
मिले मिले कहीं मिले जो भूल स
लगे लगे गले लगे वो दूर स
खुले खुले सिरे खुले हैं उन क
बुने बुने जो पल वो ढूंढ त
चलो चलो चल
बाहें टकिए
तो बनने दो बनने द
उठो उठो उठ
यादें याद
तो भरने दो भरने द
अभी हसना तो है बाक
यूंही लड़ना तो है बाक
कई रास्ते चलना चलन
तो है बाक
अभी हसना तो है बाक
यूंही लड़ना तो है बाक
कई रास्ते चलना चलन
तो है बाक