Ruaan

Arijit Singh

Compositor: Irshad Kamil / Pritam

हरजाई अंखियाँ अलसाई अंखिय
अंखियों से लूटे यार त
हरजाई अंखियाँ अलसाई अंखिय
अंखियों से लूटे यार त

बातों के धागे मीठे से लग
मिस्री सी टूटे यार त

इश्क़ गहरा मेरा तुझपे पहरा मेर
राहों में है माना धुआं ही धुआ

मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं अब तेरे ना लिखन

मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं अब तेरे ना लिखन

मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं अब तेरे ना लिखन

हुन ह्म हुन ह्म

मैंने पहले जो तुझसे कही न
कह रहा है दिल वही न
हक़ भी तुझपे शक़ भी तुझप
मुझको तो सुध बुध रही न

तू जो दिखे क्या है वही न
दिल में उलझन है यही न
तू वही है मैं वही ह
पर ये दुनिया वो रही न

तू बदल देती है मौसम
ज़ख़्म तू है तू है मरहम
देख तुझपे ही दोबार
यार मर जाऊं कही न

आग सुलगे चाहतों क
राह में सब राहतों क
यारा है तेरे निशान ही निशान

मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं अब तेरे ना लिखन

मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं अब तेरे ना लिखन

मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं मेरा रुआं रुआ
मेरा रुआं रुआं अब तेरे ना लिखन

हथ तेरे नूं छड़ दित्ता जे म
अंखियाँ 'च हंजू भरन
हथ तेरे नूं छड़ दित्ता जे म
अंखियाँ 'च हंजू भरन

हुन ह्म हुन ह्म

मेरा रुआं रुआं अब तेरे ना लिखन

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